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ढैंचा बीज पर हरियाणा सरकार कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार Dhaincha Beej Subsidy के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है. किसानों को 15 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन करना होगा.
मुफ्त बीज और हरी खाद की हुई शानदार पहल, अब किसानों की खुलेगी तिज़ोरी
हरियाणा सरकार ने हरी खाद को बढ़ावा देने के लिए एक नयी पहल की है. सरकार का कहना है कि जो कोई भी किसान इस पहल का लाभ लेना चाहता है उसे मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कराना होगा. तो आइये जानते हैं इस लेख में प्रदेश की क्या है पहल.
रबी की फसलों की कटाई शुरू हो गई हैं. इसके साथ ही किसानों ने खरीफ की फसलों की बुआई की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. ऐसे में हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने खेतों की सेहत सुधारने व जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना तैयार की है. जिसका लाभ सीधे तौर पर किसानों (Farmers) को मिलेगा. इस योजना के तहत हरियाणा सरकार खरीफ की फसलों की बुआई से पहले ढैंचा बीज (Dhaincha Seed) की उगाने के लिए इसकी खरीददारी पर मदद दे रही है. हरियाणा के किसान ढैंचा बीज की खरीददारी पर 80 फीसदी तक सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं. जानें कैसे इसका लाभ लिया जा सकता है.
15 अप्रैल तक कराना होगा रजिस्ट्रेशन
खरीफ फसलों की बुआई से पहले ढैंचा बीज पर सब्सिडी के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. हरियाणा के कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार ढैंचा बीज सब्सिडी के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है. किसानों को 4 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके लिए किसानों को मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इसकी रशीद, आधार कार्ड, वोटर कार्ड या किसान क्रेडिट कार्ड के साथ किसान बीज सब्सिडी के लिए http://agriharyana.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. वहीं इससे संबंंधित अधिक जानकारी किसान टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 या जिला कृषि उप निदेशक से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं.
ढैंचा बीज पर सब्सिडी उद्देश्य
- हरी खाद मिट्टी की संरचना में सुधार करती है, जल धारण क्षमता बढ़ाती है और कटाव से मिट्टी का नुकसान कम करती है।
- ऑफ सीजन में हरी खाद की फसलें उगाने से खरपतवार का प्रसार और खरपतवार की वृद्धि कम हो जाती है।
- हरी खाद क्षारीय मिट्टी के सुधार में मदद करती है। जड़ गांठ सूत्रकृमि को हरी खाद द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
- यह मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ जोड़ता है और मिट्टी के सूक्ष्म जीवों की गतिविधि का अनुकरण करता है।
- हरी खाद मिट्टी की निचली परतों से पोषक तत्व लेती है और ऊपरी परत में मिलाती है।
- यह एक फलीदार फसल है, यह वातावरण से ‘एन’ को ठीक करती है और सफल फसल के लिए मिट्टी में मिला देती है। आम तौर पर, N का लगभग 2/3 भाग वायुमंडल से और शेष भाग मिट्टी से प्राप्त होता है।
- यह P2O5, CA, MG और FE जैसे कुछ पौधों के पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाता है।
ढैंचा फसल की ख़ासियत (Features of Dhaincha Crop)
Dhaincha को आमतौर पर हरी खाद की फसल के रूप में प्रयोग किया जाता है. इसे मिट्टी में पर्याप्त नमी होने पर सभी मौसमों में उगाया जा सकता है. यह न केवल भौतिक गुणों में सुधार करता है बल्कि सफल फसल की नाइट्रोजन आवश्यकता को पूरा करने में भी मदद करता है.
महत्वपूर्ण लिंक
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